साधना और उसमें सफलता प्राप्त करना आपको सिखा दो या योग्य की बपौती नहीं रहेगी अपितु कोई भी व्यक्ति सही जानकारी प्राप्त कर साधना से घर बैठे सफलता प्राप्त कर सकता है पंचांगुली साधना ऐसे ही एक दिव्य सरल और सुगम साधना है जो प्रतिपादक सफलतापूर्वक संपन्न कर सकता है आवश्यकता है मंत्र सिद्धि प्राण प्रतिष्ठा आयुक्त पंचांगुली देवी के चित्र की वस्तु का अपना भविष्य ज्ञान हेतु श्रेष्ठ साधनाओ उसमें से एक लेख में सफलता स्पष्ट किया है पंचांगुली साधना भारतीय जीवन का श्रेष्ठ साधन है क्योंकि इसके माध्यम से भविष्य दर्शन पूर्ण रूप से स्पष्ट हो जाता है कि भविष्य को याद करने का साधन ज्योतिष ज्योतिष हस्तरेखा विज्ञान के माध्यम से व्यक्ति को स्पष्ट रुप से जाना जा सकता है भारत वर्ष में प्रवेश अभी काुछ कहता है कि कोई भी ज्योतिषी तब तक पूर्ण हो सकता है उसके पास करने के लिए कुछसिद्धीया साधना मैं हूं यद्यपि भविष्य को जानने के लिए उससे दिया प्रचलित है परंतु एक अरब कठिन और तुरंत फलदायक नहीं है उनकी अपेक्षा पंचांगुली साधना को कोई भी व्यक्ति सिद्ध कर सकता है जैसा कि करण पिशाचनी के बारे में बताया जा चुका हे कि उस साधना से किसी भी व्यक्ति के भूतकाल को स्पष्ट रुप से जाना जा सकता है ठीक इसी तरह पंचांगुली साधना से किसी भी व्यक्ति के भविष्य के प्रत्यक्ष को पहचाना जा सकता है मैं पूरे भारत में घूमा हूं और मैं सेंड करो यारो तांत्रिको वर्षा लोगों के संपर्क में आया हूं मैंने यह अनुभव किया है कि वही व्यक्ति जीवन में पूर्ण सफलता और सम्मान प्राप्त कर सकता है जिसने जीवन में पंचांगुली साधना संपन्न कर ली है महाराष्ट्र में गोकुल भाई का नाम भविष्यदृष्टा के रूप में विख्यात है मैं उनके सामने रुप से ही मिला था और जब मैंने भविष्य को जानने की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर कल दोपहर 3:00 बजे गाडी से जाना पड़ेगा अधूरी छोड़नी पड़ेगी वास्तव में ही दूसरे दिन मुझे यात्रा करनी पड़ी थी और मुझे वापस जाना पड़ा था ओर से देखा जाए तो उनका जो करते हैं वह अक्सर होती है और दूर दूर से लोग आते हैं
पंचांगुली साधना:-
यह साधना में यंत्र आवश्यक है शुभ दिन शुभ समय साधना स्थान को स्वच्छ पानी से धोने कक्षा आंगन हो तो गोबर से ली प्ले तत्पश्चात लकड़ी के 100 चौरस पत्ते पर श्वेत वस्त्र धोकर बिछा दे और उस पर चावलों से यंत्र का निर्माण करे चावलों को अलग अलग रंगों में भर दे यंत्र को सुगमता से सही रूप में बनावे यंत्र की बनावट में जरा सी गलती सारे परिश्रम को याद कर देती है तत्पश्चात यंत्र के मध्य में ताम्र कलश स्थापित करें और उसपर लाल वस्त्र बिछाकर ऊपर नारियल रखे और फिर उस पर पंचांगुली देवी की मूर्ति स्थापित करें इसके बाद पूजन करें और नित्य पंचांगुली मंत्र का जप करे यही है कि आधुनिक समय में प्रमाणित विद्वान प्राप्त नहीं होते जो कि यंत्र का स्वरूप और विधि समझा सके परंतु साधना में प्रमाणित पंचांगुली यंत्र तथा पंचांगुली का चित्र आवश्यक है सरवपरथम मुख शोधन कर पंचांगुली मंत्र चैतन्य करें पंचांगुली साधना में मंत्र चैतन्य की है अतः मंत्र को प्रारंभ और अंत में की संपूर्ण देने से मंत्र चैतन्य हो जाता है मंत्र चैतन्य के बाद योनि मुद्रा का अनुष्ठान किया जाए यदि योनि मुद्रा अनुष्ठान का ज्ञान न हो तो बहुत लेती विधान करना चाहिए इसके बाद यंत्र पूजा करके पंचांगुली जानकारी पंचांगुली जान पंचांगुली महादेवी श्री सीमंधर सासु ने अधिष्ठात्री कृष्णा शुभ रात्रि त्रिदोष
पंचांगुली मंत्र:-
ओम नमो पंचांगुली पंचांगुली परमेश्वरी माता मंगल वशीकरण मञ दंड मनी 64 काम ही है डेनी रणमत देर राहुल मध्य शत्रु मत दे दी पानी मध्य भूत मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश मध्य वोटिंग मध्य डाकिनी मध्य सनी मध्य यक्षिणी मध्य दो सनी मध्य भूमि मध्य गारुड़ी मध्ए येणारी मध्य प्रदेश मध्य दो चरण मध्य दुश्मन दुश्मन से घोर कष्ट मुझे ऊपर बुरा जो कोई करे करावे झड़े झड़े हुए चिंतित तावे तक माथे की माता पंचांगुली देवी तनु बद्र निर्धार बड़े ओम थम थम थम स्वाहा
वस्तुतः यह साधना लंबी और श्रमसाध्य है प्रारंभ में गणपति पूजन संकल्प न्यास यंत्र पूजा प्रथम वरुण पूजा द्वितीय तृतीय चतुर्थ पंचम षष्टम अष्टम और नवम आवरण के बाद भूत उपसंघार कर के यंत्र में प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए इसके बाद पंचांगुली देवी को सजीवनी बनाने के लिए ध्यान अंत मातृका न्यास वही मातृका न्यास करनी चाहिए यद्यपि इस सारी विधि को लिखा जाए तो लगभग 40 50 प्रश्नों में आएगी यह मेरा उद्देश्य पाठकों को मात्र साधना से परिचित कराना है देश के श्रेष्ठ साधकों का मत है कि यदि साधते यह सारे क्रियाकलाप न कर के केवल घर में मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त पंचांगुली यंत्र तथा संजीवनी संपुट युक्त मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त पंचांगुली देवी का चित्र स्थापित कर उसके सामने नित्य पंचांगुली मंत्र का 21 बार जाप करें तो कुछ समय बाद सही पंचांगुली साधना सिद्ध हो जाती है सुविधाजनक है औरइसमें किसी प्रकार की त्रुटि संभव नहीं है पाठकों के आग्रह बराबर हमें प्राप्त होते रहे हैं अतः इस प्रकार पूर्ण विधि विधान से सिद्ध करा कर मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा योग पंचांगुली यंत्र या संजीवनी संपुट युक्त मंत्र सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा योग पंचांगुली देवी का चित्र केंद्र से भेजने की व्यवस्था की जा सकती है वस्तुतः यह साधना सरल है सामान्य साधक को लंबे चौड़े जटिल विधि-विधान में नहीं पढ़ कर अपने घर में पंचांगुली देवी के चित्र के स्थापना कर लेनी चाहिए और नित्य प्रातः स्नान कर पंचांगुली मंत्र का इतिहास बार उच्चारण करना चाहिए कुछ समय बाद मंत्र सिद्ध हो जाता है यह साधना संपन्न हो कर वह सफल भविष्यदृष्टा बन जाता है मिलता है
Santosh ji Mantra me kuch galtiya hai. Please Isko sudhaariye. Aur Mantra ka itihas Baar uchharan ka Matlab ?
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ReplyDeleteहिन्दी कि जानकारी नहीं है क्या?
ReplyDeleteहिन्दी कि जानकारी नहीं है क्या?
SantoshjiNamaskar Gokul bhai ka adress mil sakta hai kya
ReplyDeleteSantoshji jo no upper likha hai apka wo lagta nahi koi aur no hai kya apka
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